चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्थानांतरण नीति में रक्षा बंधन के अवसर पर महिला कर्मचारियों को स्टेशन का विकल्प चुनते समय एक बड़ी राहत प्रदान की। इसके तहत अविवाहित या तलाकशुदा या विधवा महिला कर्मचारी को अब पहले ‘जनरल ट्रांसफर ड्राइव’ में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे मामलों में विवाह के बाद उनसे विकल्प मांगा जाएगा तथा नवविवाहिता या अन्य उक्त श्रेणी की महिला कर्मचारियों को उसके विकल्प के अनुसार तीन वर्ष के लिए पहला स्टेशन दिया जाएगा।
Haryana: Unmarried or divorced or widowed women employees will get exemption in transfers
Chandigarh. Haryana Chief Minister Manohar Lal provided a major relief to women employees while opting for the station on the occasion of Raksha Bandhan in the transfer policy. Under this, unmarried or divorced or widowed female employees will no longer be required to participate in the first ‘General Transfer Drive’. In such cases, they will be asked for an option after marriage and women employees of the newly married or other aforesaid category will be given the first station for three years as per their option.
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां विभिन्न विभागों की तैयार की जा रही ‘ऑनलाइन स्थानांतरण नीति’ की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार विवाह उपरांत, नवविवाहितध्तलाकशुदा के मामले में उसके पहले विकल्प का स्टेशन तीन वर्षों तक दिया जाएगा।
उसके बाद महिला कर्मचारी यदि ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेती है तो उसके विकल्प के अनुसार पहला,दूसरा या तीसरा स्टेशन दिया जाएगा।
इसी प्रकार, शत-प्रतिशत दिव्यांग या 80 प्रतिशत लोकोमोटिव दिव्यांग कर्मचारी को स्थानांतरण नीति के अनुसार पहली पसंद का स्टेशन ही दिया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रशासनिक सचिव अध्यापक ऑनलाइन स्थानांतरण नीति को आधार मानकर अपने विभाग में 500 से अधिक कर्मचारियों की ऑनलाइन स्थानांतरण नीति मुख्य सचिव कार्यालय से 31 अगस्त,2020 से पहले-पहले अनुमोदित करवा लें।
कर्मचारी की सहमति लेने उपरांत तीन दिन तक विकल्प देने के लिए पोर्टल खोला जाएगा। जिन विभागों में कर्मचारियों से विकल्प मांगने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, प्रशासनिक सचिव अगस्त माह में किसी भी समय कर्मचारी का ऑनलाइन स्थानांतरण कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रशासनिक सचिव चाहे तो 500 से कम अर्थात 400 या 300 तक के कर्मचारियों की संख्या वाले विभागों के लिए भी ऑनलाइन स्थानांतरण नीति तैयार कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन स्थानांतरण के मामले में जहां नीति में छूट देकर स्थानांतरण किए गए हैं, वे केवल अस्थाई दो या तीन महीने के लिए ही हैं और जैसे ही शैक्षणिक सत्र समाप्त होता है तो उन्हें ड्राइव में भाग लेना अनिवार्य होगा।
नीति के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी को हर वर्ष विकल्प भरने होंगे और उसकी वरिष्ठड्ढता अंकों के आधार पर दिए गए विकल्प के अनुरूप स्टेशन दिए जाएंगे।
इसी प्रकार, कर्मचारी को अचानक किडनी की समस्या या दिल की बीमारी हो जाने पर, संबंधित जिला उपायुक्त, एसएमओ व संबंधित विभाग का जिलाध्यक्ष की कमेटी उस कर्मचारी की मेडिकल हिस्ट्री का ब्यौरा पोर्टल पर लोड करेगी, जो कर्मचारी के एचआरएमएस से लिंक किया जाएगा। ऐसे मामलों में कमेटी के लिए अलग से नया पोर्टल खोला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आज जिन विभागों की ऑनलाइन स्थानांतरण नीति की समीक्षा की। उनमें कृषि एवं किसान कल्याण, सहकारिता, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, विकास एवं पंचायत, लोक निर्माण (भवन एवं सडकें), परिवहन, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, आबकारी एवं कराधान, पशुपालन एवं डेयरी तथा बिजली विभाग शामिल थे।
बैठक में प्रशासनिक सचिवों ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि आपके दिशानिर्देशानुसार विभागों की ऑनलाइन स्थानांतरण नीति का ड्राफ्ट मुख्य सचिव कार्यालय से 31 अगस्त,2020 से पहले-पहले अनुमोदित करवा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि विकास अधिकारी (एडमिन काडर) व फील्ड मैन का पहली सितम्बर,2020 से, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के ऑक्शन रिकार्डर के लिए 15 अगस्त से, पशुपालन पालन विभाग वीएलडीए व पशु चिकित्सक का 30 अगस्त से, पंचायत एवं विकास विभाग ग्राम सचिव एवं कनिष्ठड्ढ अभियंता का 16 से 20 अगस्त के बीच, आबकारी एवं कराधान विभाग के लिपिक एवं सेवादार का 20 अगस्त से, स्कूल शिक्षा विभाग के लिपिक वर्ग के लिए 13 अगस्त से ऑनलाइन ट्रांसफर आरंभ कर दिया जाएगा।
इसी प्रकार, लोक निर्माण (भवन एवं सडकें) विभाग के कनिष्ठड्ढ अभियंता (सिविल) का 15 अगस्त से, सहकारिता विभाग (आरसीएस) के उप-निरीक्षक सामान्य का 15 अगस्त से, परिवहन विभाग के चालकों व परिचालकों का पहली अगस्त, 2020 से व लिपिक तथा निरीक्षक का 20 अगस्त से पहली सितम्बर तक, महिला एवं बाल विकास विभाग सुपरवाइजर (महिला) किसी भी समय अगले कार्य दिवस या पांच अगस्त से, उच्चतर शिक्षा विभाग के एसिस्टेंट-एसोसिएट प्रोफेसर (अंग्रेजी व वाणिज्य) का 20 अगस्त से ऑनलाइन ट्रान्सफर आरंभ कर दिया जाएगा जबकि बिजली निगमों के कनिष्ठड्ढ अभियंता, एलडीसी व यूडीसी का ट्रान्सफर धान सीजन के बाद अक्तूबर में आरंभ किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर व मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव आशिमा बराड़, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।